Feb 16, 2025
CRIME/ACCIDENT

गुड़िया मर्डर केस:पुलिस की पूरी जांच टीम को उम्रकैद

शिमला गुड़िया मर्डर केस: हिमाचल के इतिहास में पहली बार पुलिस की पूरी जांच टीम को उम्रकैद, 2017 का है मामला

देशआदेश

हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस की पूरी जांच टीम को किसी मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा हुई है।

 

वहीं, सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पूरे देश में भी यह अपनी तरह का पहला मामला होने के दावे भी किए जा रहे हैं।

 

 

चार जुलाई 2017 को शिमला जिला के कोटखाई के महासू जंगल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 साल की छात्रा की दुराचार के बाद हत्या कर दी गई थी।

 

 

पूरे देश में आक्रोश दिखा। लोगों के भारी विरोध के बाद तत्कालीन सरकार ने एसआईटी का गठन किया था।

 

 

मामले की जांच कर रही इस एसआईटी पर गुड़िया मामले में आरोपी बनाए गए युवक सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या का आरोप लगा।

 

 

सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई। अगस्त 2017 में आठ पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की गिरफ्तारी हुई। 25 नवंबर 2017 को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दायर हुई। सात साल दो माह तक सूरज हत्याकांड मामले में ट्रायल चला। केस शिमला से चंडीगढ़ शिफ्ट हुआ। कोर्ट ट्रायल में एसआईटी को सूरज हत्याकांड के लिए दोषी पाया गया।

 

 

सोमवार को सीबीआई के चंडीगढ़ कोर्ट ने पूरी एसआईटी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। सोमवार शाम को सीबीआई कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा के बाद से प्रदेश की अफसरशाही में हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं।

जैदी ने साल 2028, मनोज जोशी ने 2039 में होना था सेवानिवृत्त
आईजी जहूर हैदर जैदी ने 31 दिसंबर 2028 और डीएसपी मनोज जोशी ने 30 सितंबर 2039 को सेवानिवृत्त होना था।

नौकरी से बर्खास्त हो सकते हैं दोषी पुलिस अधिकारी और कर्मी

सूरज हत्याकांड में दोषी पाए गए सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की अब नौकरी से बर्खास्तगी हो सकती है। इनमें एक सेवानिवृत्त हो चुका है। सरकार के स्तर पर इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। हालांकि अभी सीबीआई कोर्ट चंडीगढ़ की विस्तृत जजमेंट का इंतजार किया जा रहा है। 18 जनवरी को दोषी करार होते ही गिरफ्तार होने के बाद गृह विभाग ने सात पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।

डीजीपी बोले, जजमेंट पढ़ने के बाद दे सकेंगे प्रतिक्रिया
आईजी जैदी सहित आठ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सीबीआई कोर्ट की ओर से सुनाई गई सजा पर हिमाचल के डीजीपी अतुल वर्मा ने कहा कि कोर्ट की जजमेंट पढ़ने के बाद ही इस मामले में कोई प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।

लॉगबुक भी रही जैदी की सजा में अहम सबूत
18 जुलाई 2017 की रात को पुलिस हिरासत में सूरज की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। सीबीआई ने जब एसआईटी प्रमुख की सरकारी गाड़ी की लॉगबुक जांची तो उसमें कोटखाई दिखाया गया था। यहीं से आईपीएस जहूर जैदी की मुश्किलें शुरू हुईं। सीबीआई पूछताछ में उन्होंने साफ मना किया कि वह 18 जुलाई को कोटखाई में नहीं थे, लेकिन उनकी सरकारी गाड़ी की लॉगबुक दूसरी कहानी बयां कर रही थी।

जैदी ने कहा कि लॉगबुक उनकी जानकारी के बिना ड्राइवर ने भर दी होगी, लेकिन सीबीआई जांच आठों पुलिस वालों के खिलाफ अदालत में पुख्ता सबूत पेश कर उम्र कैद की सजा दिलाने में कामयाब रही। बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में एकमात्र दोषी नीलू जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है।

 

हालांंकि, गुडिया दुष्कर्म में केवल एक ही मुलजिम था, इस पर आज भी कई सवाल खड़े हैं। सीबीआई की जांच में गुड़िया मामले में नीलू के अलावा दूसरा कोई मुलजिम नहीं मिला।

साइंटिफिक एविडेंस इस बात को पुख्ता करते हैं कि गुनगहार नीलू ही है। पुलिस ने मौके से गुड़िया के शरीर से जो सैंपल लिए थे, उनकी डीएनए प्रोफाइलिंग हिमाचल की जुन्गा फॉरेंसिक लैब ने भी की थी। जुन्गा लैब की रिपोर्ट अगस्त 2017 में आई और हिमाचल पुलिस की एसआईटी ने जुलाई में ही प्रेस वार्ता कर दावा कर दिया था कि उसके पास अपराध के साइंटिफिक एविडेंस हैं। यदि उस समय एसआईटी ने गंभीरता दिखाई होती तो शायद एसआईटी ही इस मामले को सुलझा देती। सीबीआई ने जुन्गा लैब में मौजूद डीएनए सैंपल दिल्ली ले जाकर अपनी लैब में जांचे। उस जांच के बाद तय हो गया कि गुनहगार एक ही है।

सीबीआई ने लिए थे करीब 250 सैंपल
सीबीआई ने एहतियात के तौर पर संदिग्ध लोगों के 250 ब्लड सैंपल लिए, लेकिन उनमें से एक भी गुड़िया के शरीर से कलेक्ट सैंपल के डीएनए से मैच नहीं हुआ।

पुलिस वालों को ठीक हुआ, पर नहीं मिला गुड़िया को न्याय : गुड़िया की मां
सीबीआई जांच से गुड़िया की मां संतुष्ट नहीं है। गुड़िया की मां ने कहा कि पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ तो ठीक हुआ, पर गुड़िया को न्याय नहीं मिला है। गुड़िया की मां ने बताया कि बेटी की मौत के बाद पुलिस ने तफ्तीश ठीक से नहीं की तो उनको तो जेल ही जाना था। बेकसूर को थाने में जबरन आरोप कबूल करने के लिए मारा-पीटा गया, इसलिए पुलिस को उसका खमियाजा भुगतना पड़ा है। गुड़िया की माता ने बताया कि बेटी के गुनहगार अभी भी खुले में घूम रहे हैं। गुड़िया को अभी तक इंसाफ नहीं मिला है और उसके हत्यारे आज भी घूम रहे हैं।

गुड़िया और सूरज मामले में कब-कब क्या हुआ
4 जुलाई 2017 : महासू स्कूल से घर जा रही 16 वर्षीय लड़की गुड़िया (काल्पनिक नाम) लापता हो गई।
6 जुलाई 2017 : कोटखाई के दांदी जंगल में गुड़िया का शव मिला। पुलिस ने दुष्कर्म के बाद हत्या का शक जताया।
8 जुलाई 2017 : मौके पर पहुंचे एसपी। 72 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं लगने पर जनाक्रोश बढ़ा।
9 जुलाई 2017 : कई लोगों से पूछताछ के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर सीबीआई जांच की उठी मांग।
10 जुलाई 2017 : सरकार ने बढ़ते जनाक्रोश के बाद जांच के लिए एसआईटी का किया गठन।
11 जुलाई 2017 : पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। आरोपी को पकड़वाने के लिए एक लाख रुपये का इनाम घोषित हुआ।
12 जुलाई 2017 : तत्कालीन मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज पर कुछ कथित आरोपियों के फोटो वायरल हुए।
13 जुलाई 2017 : एसआईटी ने छह लोगों आशीष, राजू, सुभाष, सूरज, लोकजन, दीपक को गिरफ्तार किया।
14 जुलाई 2017 : जांच के विरोध में ठियोग पुलिस थाना पर पथराव हुआ। गाड़ियां ताेड़ी गईं। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केस सीबीआई को सौंपने का एलान किया।
15 जुलाई 2017 : दो और लोगों के सैंपल जांच के लिए एकत्र किए। मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।
16 जुलाई 2017 : दांदी जंगल में लोगों ने किया हवन। मामले की जांच के लिए जंगल में पहुंची एसआईटी।
17 जुलाई 2017 : दिल्ली से मुंबई तक जस्टिस फॉर गुड़िया की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन। भाजपा नेताओं ने राजभवन पहुंचकर सरकार काे बर्खास्त करने की उठाई मांग।
18 जुलाई 2017 : कोटखाई पुलिस थाना में रात को इंटेरोगेशन के दौरान एक आरोपी सूरज की मौत हो गई। जनता ने थाने को घेरकर आग लगाने का प्रयास किया। कई पुलिस कर्मी हुए घायल।
22 जुलाई 2017 : सीबीआई ने दिल्ली में गुड़िया गैंगरेप और सूरज मौत मामले में केस दर्ज किया।
29 अगस्त 2017: सीबीआई ने सूरज हत्या मामले में आईजी जहूर एच जैदी, डीएसपी जोशी समेत आठ पुलिस कर्मी गिरफ्तार किए।
16 नवंबर 2017 : सूरज मौत मामले में ही पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।
28 मार्च 2018 : हाईकोर्ट ने सुस्त जांच प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई और सीबीआई निदेशक को तलब किया।
29 मार्च 2018 : गुड़िया केस में हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई। सीबीआई ने 25 अप्रैल से पहले गुड़िया के कातिल को पकड़ने का दावा किया।
13 अप्रैल 2018 : सीबीआई ने गुड़िया मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया। कोर्ट में पेश कर उसे रिमांड पर लिया और दिल्ली ले गई।
22 अप्रैल 2018 : सीबीआई आरोपी को लेकर दिल्ली से शिमला पहुंची।
23 अप्रैल 2018 : आरोपी को सीबीआई मौके की निशानदेही के लिए दादी जंगल ले गई।
18 जून 2021 : गुड़िया से रेप के आरोपी नीलू को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
अप्रैल 2019 : जहूर एच जैदी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत। जारी रहा ट्रायल।
जनवरी 2020 : भाजपा की तत्कालीन सरकार ने जैदी को निलंबित किया।
जनवरी 2023 : कांग्रेस सरकार ने जैदी की सेवाएं बहाल कीं।
सितंबर 2023 : जैदी को पुलिस मुख्यालय में बताैर आईजी तैनाती दी गई।
18 जनवरी 2025: जैदी सहित आठ पुलिसकर्मी दोषी करार
27 जनवरी 2025: जैदी सहित आठ पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा

गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में चिरानी को हो चुकी है उम्रकैद
बहुचर्चित गुड़िया मामले में सत्र एवं जिला न्यायाधीश शिमला राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत ने 18 जून 2021 को अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश को नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या की धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अप्रैल 2018 में सीबीआई ने चिरानी नीलू को गिरफ्तार किया था। 28 अप्रैल 2021 को शिमला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था। पुलिस की ओर से सूरज समेत पहले गिरफ्तार किए गए सभी सात लोगों को निर्दोष पाया गया।

 

 

 

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